Skip to main content

Coachingghy

www.coachingghy.com

1251665200689415583

वैदिक काल ( Vedic Period ) - Vedic Age in Hindi

वैदिक काल ( Vedic Period ) - Vedic Age in Hindi

  

वैदिक काल ( Vedic Period ) - Vedic Age in Hindi

नमस्कार दोस्तों,  Top Daily GK  में आपका स्वागत है ! दोस्तों आजकल हर प्रतियोगी परीक्षा में वैदिक काल ( Vedic Period ) से संबंधित प्रश्न पूछे जा रहे हैं जिनमें से अधिकतर प्रश्न में पूर्व वैदिक काल और उत्तर वैदिक काल के बारे में पूछा जाता है | दोस्तों प्रतियोगी परीक्षा में प्रत्येक नंबर का महत्व होता है जो आपको सिलेक्शन तक लेकर जाता है इसलिए आज हम वैदिक काल ( Vedic Period )  के बारे में विस्तार से बताने वाले हैं |

vedic-period-age

वैदिक काल (Vedic Period)

वैदिक काल को दो भागो में विभाजित किया गया -

1. पूर्व वैदिक काल

2. उत्तर वैदिक काल

(1) पूर्व वैदिक काल (1500 B.C - 1000 B.C)

वेद शब्द का अर्थ ज्ञान से संबंधित है। हिंदू दर्शन के स्रोत को उपनिषद कहते हैं। वैदिक सभ्यता एक ग्रामीण सभ्यता थी। पूर्व वैदिक काल में महिलाओंकी स्थिति अच्छी थी। वैदिक सभ्यता में वैसे तो बहुत देवताओं का वर्णन है लेकिन इनमें प्रमुख देवता इंद्र देवता का वर्णन कई बार मिलता है। जिन्हें पुरंदर भी कहा गया।  अग्नि देवता दूसरे बड़े देवता थे। तथा पशु में गाय का महत्व वैदिककाल में बहुत था। क्योंकि 176 बार गाय का उल्लेख ऋग्वेद में मिलता है। गाय को वैदिक काल में अधान्य कहा जाता था। वैदिक काल में गाय के लिए अनेक युद्ध हुए जिससे गाय का महत्व वैदिक काल में प्रकट होता है। तथा दूसरा प्रमुख पशु घोड़ा था। इनका मुख्य भोजन दूध था। वैदिक सभ्यता के निर्माता आर्यों को माना जाता है आर्य शब्द का अर्थ श्रेष्ठ होता है। आर्य मद्धेशिया से आए थे। बाल गंगाधर तिलक ने कहा कि आर्य आर्कटिक क्षेत्र से आये थे जबकि मैक्स मूलर ने कहा कि आर्य मध्य एशिया से आए थे।


धार्मिक स्थिति

पूर्व वैदिक काल को ऋग्वेद काल भी कहा जाता है। पूर्व वैदिक काल में जो मिट्टी के बर्तन मिले हैं उन्हें गौरिक मृदभांड कहते हैं। जबकि उत्तर वैदिक काल में जो मिट्टी के बर्तन मिले हैं उन्हें चित्रित धूसर मृदभांड कहते हैं। ऋग्वेद हिंदू धर्म का सबसे पहला वेद है। ऋग्वेद के संकलनकर्ता कृष्णद्रोपायन और वेदव्यास है। ऋग्वेद के उपनिषद कोष्टिकी तथा ऐतरेय है। ऋग्वेद देवी देवताओं की प्रार्थना का संग्रह है। इसमें 1028 सूक्ति (मंत्र) व 10 मंडल है। पहले और 10 वे मंडल को सबसे बाद में जोड़ा गया। गायत्री मंत्र ऋग्वेद के तीसरे मंडल से लिया गया है। तथा सातवें मंडल में दशराज्ञ युद्ध का वर्णन किया गया। नौवे मंडल में सोम देवता का वर्णन किया गया वैदिक काल में सोमदेव को वनस्पति देवता की उपाधि दी जाती है।जबकि 10वे मंडल में वर्ण व्यवस्था का वर्णन किया गया। वर्ण व्यवस्था का मतलब वैदिक काल में कर्म के आधार पर ब्राह्मण, क्षत्रिय, शुद्र, वैश्य आदि जाति व्यवस्था में विभाजित किया गया था। 


सामाजिक व्यवस्था

वैदिक काल में सबसे ऊँची जाति ब्राह्मण फिर क्षत्रिय उसके बाद वैश्य और सबसे छोटी जाति शूद्र जाति थी। जबकि गोत्र की शुरुआत उत्तर वैदिक काल में हुई। गायत्री मंत्र की रचना विश्वामित्र ने की थी और यह सूरज को समर्पित है। इस काल में अविवाहित लड़की को अमाजू कहा जाता था। ऋग्वेद में पुरूषड़री नदी के किनारे दासराज्ञयुद्ध हुआ था। यह युद्ध 10 राजाओं के बीच लड़ा गया था .यह भारत का पहला युद्ध था। यह युद्ध आर्य और अनार्य के बीच में हुआ था। इसमें जीत आर्यों की हुई थी। गाय का प्रयोग मुद्रा के रूप में होता था अधिकांश युद्ध गायों के लिए लड़ें गए। पुरोहितों को दिया जाने वाला उपहार गाय ही हुआ करती थी। मनुष्य द्वारा सबसे पहले प्रयोग होने वाला अन्न जौ(यव) है। वैदिक सभ्यता के लोगों द्वारा सबसे पहले तांबे का प्रयोग किया गया। वैदिक सभ्यता में राजा अपनी जनता से जो कर वसूल करते थे उसे बलि के नाम से जानते थे। इसको संग्रहित करने वाले अधिकारी को भागडुग कहते थे। वैदिक युग में समिति शब्द का प्रयोग कई बार लिखित मिलता है। विद्य एक संस्था थी जिसके द्वारा लुटे हुए धन पर विचार किया जाता था। कुलीन लोगों की संस्था को सभा कहा जाता था।


(2) उत्तर वैदिक काल (1000 B.C - 600 B.C)

पूर्व वैदिक काल की तुलना में उत्तर वैदिक काल में महिलाओं की स्थिति बहुत खराब थी। पूर्व वैदिक काल की तुलना में उत्तर वैदिक काल में वर्ण व्यवस्था में भी काफी बढ़ोतरी हुई। उत्तर वैदिक काल में सामवेद, यजुर्वेद, अथर्ववेद की रचना की गई।उत्तर वैदिक काल में मुख्य व्यवसाय कृषि ही था। उत्तर वैदिक काल में यज्ञ का बहुत महत्व बढ़ गया था तथा उत्तर वैदिक काल में प्रमुख देवता प्रजापति को माना जाता था।

  1. सामवेद
  2. यजुर्वेद
  3. अथर्ववेद
  4. ब्राह्मण
  5. उपनिषद
  6. पुराण
  7. महाकाव्य

● सामवेद - सामवेद को भारतीय संगीत का इतिहास भी कहा जाता है।

● यजुर्वेद - यजुर्वेद की रचना पतंजलि ने की थी इसमें यज्ञ का प्रावधान उल्लेख है।

● अथर्ववेद - यह सबसे अंतिम वेद है। अथर्ववेद में जादू टोना, आयुर्वेद आदि का वर्णन किया गया है। इसे ब्रह्म वेद अथवा श्रेष्ठ वेद भी कहा जाता है।

● उपनिषद - उपनिषद का अर्थ गुरु के नजदीक बैठना होता है उपनिषद दर्शन पर आधारित ग्रंथ है। उपनिषद की कुल संख्या 108 है। सत्यमेव जयते मुंडकोपनिषद से लिया गया है यह भारत का आदर्श वाक्य है।

● पुराण - पुराणों की कुल संख्या 18 है। पुराणों की रचना वेदव्यास के द्वारा की गई। सबसे प्राचीन पुराण मत्स्य पुराण है। मत्स्य पुराण में विष्णु भगवान के 10 अवतार का वर्णन किया गया है।

● महाकाव्य - रामायण और महाभारत दोनों को महाकाव्य कहा जाता है। रामायणकी रचना वाल्मीकि के द्वारा संस्कृत भाषा में की गई। रामायण में 24000 श्लोक है। महाभारत का प्रारंभिक नामजय संहिता था। महाभारत की रचना वेदव्यास के द्वारा संस्कृत भाषा में की गई महाभारत में 100000 श्लोक हैं। गीता महाभारत का एक भाग है गीता में 700 श्लोक है। महाभारत का युद्ध 18 दिन तक हुआ।

➔ ऋग्वेद के पढ़ने वाले को होतृ कहते हैं। तथा ऋग्वेद के उपवेद को आयुर्वेद कहते हैं।

➔ सामवेद के पढ़ने वाले को उद्गाता कहते हैं। तथा सामवेद के उपवेद को गंधर्व वेद कहते हैं।

➔ यजुर्वेद के पढ़ने वाले को अध्वर्यु कहते हैं। तथा यजुर्वेद के उपवेद को धनुर्वेद कहते है।

➔ अथर्ववेद को पढ़ने वाले को ब्रह्मा कहते हैं। अथर्ववेद के उपवेद को शिल्पवेद कहा जाता है।


तो दोस्तों आशा करता हूं कि आपने वैदिक काल ( Vedic Period ) को अच्छे से पढ़ लिया होगा लेकिन फिर भी परीक्षा से पहले इनको बार-बार रिवाइज करते रहे ताकि जब भी परीक्षा में वैदिक काल ( Vedic Period ) से संबंधित कोई प्रश्न पूछा जाएगा तो आप सीधे ऑप्शन देखकर इनको आसानी से पहचान पाएंगे|


दोस्तों अगर आपके मन में कोई भी सवाल हो तो आप कमेंट बॉक्स में कमेंट कर सकते हैं तथा अगर आपको हमारी पोस्ट पसंद आई है तो इसे अपने दोस्तों को जरूर शेयर करें


Important Links

Join Our Whatsapp Group Join Whatsapp
Join Our Telegram Group
Join Telegram